Friday, November 22, 2019

बाढ़

अच्छा हुआ बाढ़ आई , सब कुछ अपने साथ ले गयी 
भली बुरी यादे भी उसके साथ बहे गयी 
वे करके गयी मुझे पूरी तरह से रिक्त 
और हो गयी मै सारे बोझोंसे मुक्त 

अच्छा हुआ बाढ़ आई
और मुझे एहसास दिलाई 
की अनुभव भला हो या बुरा 
पिटारे में बंद हो जाते ही 
बन जाता है एक बोझ काही हिस्सा 

अच्छा हुआ बाढ़ आई
और सबकुछ खाली कर गयी 
ये अनगिनत बोझ उठाके चलने वालोंको 
बिलकुल हलका हलका सा कर गयी 

अच्छा हुआ बाढ़ आई
और सबको समझाई 
की कुछ नहीं है यहाँ तेरा या मेरा 
सभी है तोह सिर्फ ये प्रकृति का 
तू भी तो ये प्रकृति का ही हिस्सा है 
आखिर मिटटी बनकर तुम्हे भी तो इसी बाढ़ में बेहेना है 

अच्छा हुआ बाढ़ आई 
और सबकुछ शुरू से 
शुरुआत करने के 
संकेत दे गई 
रिक्त मेरी झोली, रिक्त मेरा मन,
रिक्त मेरा तन और ...
पावन मेरा आत्मा 

वर्षा 22/11/2019